Wednesday 7 August 2019

हिन्दुस्तानी लड़ाकू विमान और इस्राइली सॉफ्टवेयर परिभाषित रेडियो

हिंदुस्तान का एक और कदम जो भारत की वायु सैना को और ज़्यादा सक्षम बनायेगा और हिंदुस्तान के आकाश को भी अभेद्य बना देगा।

किसी भी युद्ध में थल सेना और जल सैना के साथ साथ वायु सेना का भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। किसी भी देश की वायु सेना को युद्ध की स्तिथि में दुश्मन देश पर हमला करके वहाँ से सुरक्षित वापिस लौटने में काफी सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि दुश्मन देश भी तरह तरह के हथकंडे अपनाता है और वह हमला करने वाले देश की वायु सैना को भटकाने के लिए उनके कम्युनिकेशन सिस्टम को जाम करने के प्रयास करता है।
इसके लिए वायु सैना के पास तेज़ तर्रार लड़ाकू विमान, बेहतर हथियार, पायलट की बेहतर ट्रेनिंग और अनुभव के साथ बेहतर कम्युनिकेशन सिस्टम होना जरूरी होता है, जिससे वक़्त रहते pilots तक सारी महत्वपूर्ण जानकारियां पहुंचाई जा सके और वह अपने आप को जल्द सुरक्षित कर सके।

इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए हिंदुस्तान के रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सैना के लड़ाकू विमानों के लिए SDRs यानी के software defined radios को खरीदने की मंजूरी दे दी है। इसके लिए हिन्दुतान ने अपने सबसे भरोसेमंद मित्र यानी के Israel  को चुना है।

युद्ध की स्तिथि में या फिर युद्ध से निपटने की स्तिथि में भारतीय वायु सैना के लड़ाकू विमानों के बीच में या फिर लड़ाकू विमानों और भारतीय वायु सैना के जमीनी ठिकानो के बीच में बेहतर, सुरक्षित और कुशलता पूर्वक संपर्क बनाए रखने के लिए भारत ने Israel से सॉफ्टवेर डिफाइंड रेडियोज को खरीदने की डील करी है।

सॉफ्टवेर डिफाइंड रेडियोज की खासियतों और तकनीकी क्षमताओं के बारे में बात करने से पहले यह जान लेते है कि भारत की वायु सैना को इन रेडियोज की ज़रुरत क्यों महसूस हुई।

दरअसल इसी साल हिंदुस्तान ने पाकिस्तान के बालाकोट में बैठे आतंकवादियों से उनके कायराना हमले में शहीद हुए अपने 40 जवानों का बदला लेने के सोची थी। जिसके लिए 26 फ़रवरी को भारतीय वायु सैना ने पाकिस्तान में घुस कर आतंकवादी ठिकानो पर हवाई हमले किए थे। और उसके ही अगले दिन जब भारतीय वायु सैना ने पाकिस्तान की वायु सैना को मुँह तोड़ जवाब दिया था जब उन्होंने भारतीय वायु सीमा में घुसने की हिम्मत दिखाई थी। इन्ही सब घटनाओं के दौरान भारतीय वायु सैना को बेहतर, ज्यादा सुरक्षित और कुशल communication के लिए सॉफ्टवेर डिफाइंड रेडियोज की ज़रुरत महसूस हुई।

सॉफ्टवेर डिफाइंड रेडियोज की कई खासियतें है। दरअसल युद्ध में अगर किसी भी देश की संचार प्रणाली को जाम कर दिया जाए तो उस देश की फौजो की कमर टूट जाती है और उनके भटकने की संभावना काफी ज्यादा रहती है। बिना संचार प्रणाली के किसी भी फौज की स्तिथि अँधेरे में तीर मारने जैसी होती है।

जब लड़ाकू विमान रेडियो के जरिए संपर्क साधते है तो उनके रेडियोज एक खास frequency पर काम करते है। लेकिन दुश्मन देश अगर उस frequency रेंज को जाम कर देता है तो संचार संभव नहीं हो पाता और आकाश में उड़ रहे विमान भ्रामक स्तिथि में आजाते है। ऐसी स्तिथि में सॉफ्टवेर डिफाइंड रेडियोज पलक झपकते ही दूसरी frequency पर स्विच कर लेते है और इस प्रकार संचार सुचारू रूप से बना रहता है।

सॉफ्टवेर डिफाइंड रेडियोज आकाश में उड़ रहे लड़ाकू विमानों के साथ साथ Airborne Warning and Control System और जमीन पर स्तिथ वायु सैना के ठिकानो के में सुरक्षित संपर्क बनाने में सक्षम होते है। इसी के साथ साथ युद्ध में भाग ले रहे सभी विमानों की स्थानों का सभी को पता लगता रहता है।

दरअसल सॉफ्टवेर डिफाइंड रेडियोज programmable micro controllers  पर काम करते है जिनको सॉफ्टवेयर की मदद से program किया जाता है। सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियोज काफी बड़ा frequency spectrum इस्तेमाल कर सकने में सक्षम होते है जिसकी वजह से वह दूसरी frequency रेंज पर तुरंत संपर्क साध लेते है।

भारतीय वायु सैना ने अपने मिराज-2000, सुखोई-30 और मिग-29 विमानों के लिए आपातकालीन स्तिथि में 400 सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियोज के सेट खरीदने के लिए Israel से डील की है। अपने परंपरागत रेडियो sets को बदलने के लिए भारतीय वायु सैना योजना-बद तरीके से धीरे धीरे उनके स्थान पर नई तकनीक वाले सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियोज को खरीदेगी।



Friday 2 August 2019

TIMING BELTS SUPPLIER IN RAI, SONEPAT

We are suppliers of Timing Belts in Kundli, Sonepat. 

FOR ANY QUERY REGARDING TIMING BELT 
PLEASE CALL
9643803399



Thursday 1 August 2019

TIMING BELTS IN KUNDLI

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